भारत जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का नंबर एक देश है, देश की आबादी बढ़ने के कारण अनेक प्रकार की समस्याएं देश में शुरू हो जाती है, ऐसी समस्याओं में से एक है बेरोजगारी की समस्या। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जाने वाली MGNREA योजना से इस समस्या को कम किया जाता है, क्योंकि यह योजना देश सभी ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को रोजगार प्रदान करती है, इस योजना से उन्हें रोजगार तो प्राप्त होता ही है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले पलायन को भी इस योजना द्वारा कम किया जाता है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की मजदूरी कितनी है (MGNREGA Ki Majduri Rate List) यह जानने से पहले आपको इस योजना से संबंधित सामान्य जानकारी का होना आवश्यक है, देश के सभी राज्यों में इस योजना के माध्यम से नागरिकों में रोजगार का वितरण किया जाता है। योजना में जॉब कार्ड महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, बिना जॉब कार्ड के कोई भी नागरिक इस योजना से रोजगार प्राप्त नहीं कर सकता है, जॉब कार्ड होने पर ही नागरिक का नाम रोजगार की लिस्ट में होता है। इस आर्टिकल द्वारा आप देश में मनरेगा की मजदूरी की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आर्टिकल का नाम | मनरेगा की मजदूरी कितनी है |
योजना | MGNREGA/NREGA |
संचालक | ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार |
उद्देश्य | प्रति वित्तीय वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी प्रदान करना |
लाभार्थी | भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिक |
आधिकारिक वेबसाइट | nrega.nic.in |
MGNREGA क्या है?
MGNREGA जिसे शुरुआत में NREGA कहा जाता था, इसका विस्तृत रूप Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act है। यह देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करने वाली केंद्र सरकार की मुख्य योजना है। इस योजना द्वारा नागरिकों को गांवों से पलायन ना करने के लिए प्रेरित किया जाता है, उन्हें उनके ही क्षेत्र में कार्य प्रदान किया जाता है।
इस योजना को वर्ष 2006 में शुरू किया गया था। इस योजना में कार्य प्राप्त करने के लिए नागरिक के पास जॉब कार्ड होता है, जॉब कार्ड की सहायता से ही उसका नाम नरेगा की लिस्ट में रहता है। इस योजना द्वारा सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को प्रतिवर्ष 100 दिनों के रोजगार की गारंटी प्रदान करती है।
मनरेगा में कितनी मजदूरी मिलती है?
मनरेगा में रोजगार करने वाले सभी नागरिक इस में दी जाने वाली प्रतिदिन की मजदूरी की जानना चाहते हैं, योजना में प्रदान की जाने वाली मजदूरी राज्यों के अनुसार अलग-अलग रहती है। यह उनके भौगोलिक विन्यास के आधार पर अलग रहती है। अप्रैल 2023-24 के वित्तीय वर्ष के अनुसार राज्यों में मनरेगा की मजदूरी इस प्रकार है:
- जम्मू और कश्मीर– 244 रुपए
- हिमाचल प्रदेश
- अनुसूचित क्षेत्र- 280 रुपए
- गैर-अनुसूचित क्षेत्र- 224 रुपए
- हरियाणा-357 रुपए
- गुजरात-256 रुपए
- छत्तीसगढ़– 221 रुपए
- बिहार– 228 रुपए
- अरुणाचल प्रदेश– 242 रुपए
- आंध्र प्रदेश– 272 रुपए
- असम– 238 रुपए
- गोवा– 322 रुपए
- तेलंगाना– 272 रुपए
- पुडुचेरी– 294 रुपए
- लक्षद्वीप– 304 रुपए
- दमन एवं दीव– 297 रुपए
- दादरा एवं नगर हवेली– 297 रुपए
- अंडमान और निकोबार
- अंडमान जिला- 311 रुपए
- निकोबार जिला- 328 रुपए
- पश्चिम बंगाल– 237 रुपए
- उत्तराखंड– 230 रुपए
- उत्तर प्रदेश– 230 रुपए
- ओडिशा– 237 रुपए
- नागालैंड– 225 रुपए
- मिजोरम– 249 रुपए
- मेघालय– 238 रुपए
- मणिपुर– 260 रुपए
- मध्य प्रदेश– 221 रुपए
- महाराष्ट्र– 273 रुपए
- कर्नाटक– 316 रुपए
- केरल– 333 रुपए
- झारखंड– 228 रुपए
- त्रिपुरा– 226 रुपए
- तमिलनाडु– 294 रुपए
- सिक्किम– 255 रुपए
- राजस्थान– 255 रुपए
- पंजाब– 303 रुपए
प्रत्येक राज्य के अनुसार मनरेगा की प्रतिदिन की मजदूरी आप जान गए हैं, जैसे सबसे कम छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश में आपको प्रतिदिन इस योजना की मजदूरी 221 रुपये प्रदान की जाती है। एवं हरियाणा में यह मजदूरी सर्वाधिक 357 रुपये है। उत्तर प्रदेश में 230 रुपये मनरेगा की मजदूरी है। यह मजदूरी सभी राज्यों में अलग-अलग है। MGNREGA में कार्य करने वाले नागरिकों को मजदूरी की जानकारी आवश्यक रूप से होनी चाहिए। ऐसे में वे अपने कार्य की सही राशि प्राप्त कर सकते हैं। एवं किसी प्रकार की धोखाधड़ी होने पर योजना के ग्राम पंचायत विभाग एवं ब्लॉक विभाग में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
मनरेगा की मजदूरी से संबंधित प्रश्न एवं उत्तर
मनरेगा क्या है?
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) एक सरकारी योजना है जो ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करती है।
मनरेगा के तहत कैसे रोजगार प्राप्त किया जा सकता है?
ग्राम पंचायत में कामगार बनने के लिए पंचायत के मुखिया के पास आवेदन करें।
मनरेगा में काम के लिए कितना वेतन मिलता है?
वेतन की दरें राज्यों के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन कम से कम मंडे के दिन के लिए निर्धारित हैं।
मनरेगा का उद्देश्य क्या है?
मनरेगा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी देना है ताकि गरीबों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
मनरेगा की गारंटी कितने दिनों के लिए होती है?
मनरेगा की गारंटी 100 दिनों के लिए होती है, जिसमें कामगार को कम से कम 100 दिनों का रोजगार प्रदान किया जाता है।