केंद्र सरकार ने मनरेगा बजट में 26 हजार करोड़ बढ़ाया, लेकिन अब इन मजदूरों को नहीं मिलेगा मनरेगा योजना का लाभ

केंद्र सरकार ने मनरेगा बजट में 26 हजार करोड़ बढ़ाया, लेकिन अब इन मजदूरों को नहीं मिलेगा मनरेगा योजना का लाभ

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बजट 2024 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए बजट 26 हजार करोड़ रुपये बढ़ाकर 86 हजार करोड़ रुपये कर दिया है। यह राशि पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा का बजट 60 हजार करोड़ रुपये था।

मनरेगा योजना से एक करोड़ मजदूर होंगे बाहर

मनरेगा अपडेट 2024 के अनुसार, देश के विभिन्न राज्यों के एक करोड़ से कम मजदूर अब योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। इन्हें ग्राम पंचायत स्तर पर 100 दिन का रोजगार नहीं दिया जाएगा। मनरेगा से मजदूरों के नाम हटाने के पीछे सरकार ने कुछ कारण बताए हैं:

  • फर्जी जॉब कार्ड धारक
  • डुप्लीकेट जॉब कार्ड धारक
  • काम करने के इच्छुक नहीं व्यक्ति
  • स्थायी रूप से ग्राम पंचायत से स्थानांतरित परिवार
  • जॉब कार्ड धारक की मृत्यु

मनरेगा में पंजीकृत और सक्रिय मजदूर

ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मनरेगा में देशभर के 24.80 करोड़ ग्रामीण पंजीकृत हैं, जिनमें से 14.33 करोड़ सक्रिय मजदूर हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1 फरवरी 2024 तक कुल 85.64 लाख जॉब कार्ड सिस्टम से हटा दिए गए हैं। अप्रैल 2022 से फरवरी 2024 तक 311.19 लाख जॉब कार्ड हटाए गए हैं।

12 राज्यों में सबसे ज्यादा मनरेगा मजदूर

मनरेगा योजना में सबसे ज्यादा मजदूर महाराष्ट्र से पंजीकृत हैं, जबकि सबसे ज्यादा सक्रिय मजदूर उत्तर प्रदेश में हैं। 12 राज्यों में एक करोड़ से ज्यादा मजदूर मनरेगा में पंजीकृत हैं।

राज्यसक्रिय मजदूरपंजीकृत मजदूर
उत्तर प्रदेश1,43,03,4412,01,22,269
पश्चिम बंगाल1,38,84,4322,57,22,096
राजस्थान1,32,99,2232,25,61,083
मध्य प्रदेश1,06,22,8181,74,31,110
आंध्र प्रदेश96,94,2751,21,30,821
बिहार96,36,7941,71,32,830
तमिलनाडु92,17,8181,23,49,856
कर्नाटक85,16,8071,80,80,384
ओडिशा78,89,6881,03,62,661
महाराष्ट्र69,18,3432,86,65,760
असम63,89,0511,16,82,956
तेलंगाना60,74,2021,11,26,281

आधार आधारित भुगतान प्रणाली

मनरेगा मजदूरों को आधार आधारित पेमेंट बिज सिस्टम (APBS) के माध्यम से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। 1 जनवरी 2024 से यह व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है। मनरेगा श्रमिकों के बैंक खाते या डाकघर खाते में मजदूरी का भुगतान नियमित किया जा रहा है।

कम मजदूरों वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश

देश के तीन राज्यों में 10 हजार से भी कम परिवार मनरेगा में कार्यशील हैं:

  • लक्षद्वीप: 242 सक्रिय श्रमिक, 16,666 पंजीकृत श्रमिक
  • दादर नगर हवेली और दमन दीव: 1,976 सक्रिय श्रमिक, 34,226 पंजीकृत श्रमिक
  • गोवा: 7,867 सक्रिय श्रमिक, 50,819 पंजीकृत श्रमिक

इस बजट वृद्धि और नए बदलावों से ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और श्रमिकों को अधिक लाभ मिलेगा।

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